आपने रुद्राक्ष के बारे में तो सुना ही होगा, इसे भगवान शिव का एक अभिन्न अंग माना जाता है। सावन के महीने में लोग अपने घर पर रुद्राक्ष लेकर आते हैं, जो शुभ फलदायक होता हैं। क्या आप जानते हैं कि रुद्राक्ष से बनी माला का जप करने से सभी चिंताएं दूर होती हैं और हर मनोकामना पूर्ण होती हैं। लेकिन इससे पहले यह जानना जरूरी हैं कि कितने रुद्राक्ष की माला पहनी जाए, क्योंकि रुद्राक्ष की माला भी कई प्रकार की होती हैं और उन्हें धारण भी विशेष प्रकार से किया जाता हैं। तो आइये आज हम बताते हैं आपको कि कितने रुद्राक्ष Rudraksh Mala से बनी माला कौन-से अंग पर पहननी चाहिए।
* श्रीमद देवीभागवत के अनुसार अलग-अलग संख्या के रुद्राक्ष के दानो की माला शरीर के विभिन्न अंगों पर धारण की जाती है। 50 दानों की माला को हृदय पर और 20 दानों की माला को सिर पर धारण करना चाहिए।
* श्रीमद देवीभागवत के अनुसार रुद्राक्ष के 16 दानों की माला को भुजाओं पर, 12 दानों को मणिबंध (कलाई) 108 दानों की माला को गले में धारण करने का महत्व होता हैं।
* श्रीमद देवीभागवत के अनुसार रुद्राक्ष की 108 माला धारण करने से हर पल अशवमेध यज्ञ का फल मिलता है। सामान्य माला की जगह 108 दानों वाली रुद्राक्ष की माला का जप करने से 10 गुणा पुण्य मिलता है।
* शिवपुराण के अनुसार संसार में रुद्राक्ष के सामान फल और लाभ देने वाली कोई और माला नहीं है। इसलिए मनोकामन पूर्ति के लिए इसे धारण करना चाहिए, इसकी पूजा करनी चाहिए और इससे जप करना चाहिए।
* श्रीमद देवीभागवत के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने से श्रेष्ठ संसार में कोई वस्तु नहीं है। जो इंसान रुद्राक्ष को शरीर पर धारण करके उसकी पवित्रता का ध्यान रखता है, उसकी हर मनोकामना जरूर पूरी होती है।